शादी दो लोगों के बीच सिर्फ एक बंधन नहीं, बल्कि दिलों का मेल और एक नए सफर की शुरुआत है। इस सफर की पहली रात यानी सुहागरात का नाम सुनते ही दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है। ज़हन में तरह तरह की बातें और फिल्मी सीन आने लगते हैं। लेकिन असली ज़िंदगी में यह पल फिल्मों से बिल्कुल अलग और कहीं ज़्यादा खूबसूरत होता है, क्योंकि इसमें झिझक, अपनापन, हंसी-मज़ाक और कभी-कभी मासूम सी नादानी भी शामिल होती है।

1. पहले मन को शांत करें, किसी दबाव में न रहें ज़्यादातर कपल्स बताते हैं कि शादी के दिन की थकान इतनी होती है कि रात में बस आराम करने का मन करता है। ऐसे में अगर आप सुहागरात में आप दोनों थक गए हों, तो बिना झिझक एक-दूसरे से कह सकते हैं “आज बस बातें करते हैं, पास बैठते हैं, बाकी कल देखेंगे।” याद रखिए, पहली रात कोई इम्तिहान नहीं होती, बल्कि रिलेशन की शुरुआत होती है।
2. खुलकर बात करें शादी के बाद जब पहली बार दोनों अकेले होते हैं, तो अक्सर चुप्पी या झिझक छा जाती है। इस सन्नाटे को तोड़िए हल्की-फुल्की बातें कीजिए, अपनी पसंद नापसंद शेयर कीजिए। बहुत से कपल्स कहते हैं कि उनकी सुहागरात की सबसे प्यारी याद यही थी कि उन्होंने घंटों बातें की और हंसी मज़ाक किया।
3. माहौल सुकूनभरा हो हल्की खुशबू वाले फूल, धीमी रौशनी और साफ सुथरा कमरा यह सब आपको रिलैक्स करने में मदद करता है। अगर आप चाहे तो साथ में दूध या हल्का ड्रिंक लेकर बैठ सकते हैं। कई लोग कहते हैं कि यह छोटीसी तैयारी उन्हें उस पल को जीने में मदद करती है।
4. साफ सफाई और आत्मविश्वास तैयार होना सिर्फ बाहर वालों के लिए नहीं, बल्कि पार्टनर के लिए भी ज़रूरी है। नहाना, हल्का परफ्यूम लगाना और अच्छे कपड़े पहनना आपको भी कॉन्फिडेंस देता है और आपके पार्टनर को भी अच्छा महसूस कराता है।
5. जबरदस्ती की जगह नहीं अगर आप में से किसी को असहज महसूस हो तो इंतज़ार करना बिल्कुल ठीक है। बहुत से रिश्ते इसी वजह से मज़बूत बने हैं क्योंकि कपल्स ने एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान किया। हाथ पकड़ना, मुस्कुराना, माथे पर हल्का चुम्बन यही असली शुरुआत होती है।
6. धीरे-धीरे बढ़ें पहली बार हमेशा थोड़ा नया और अलग लगता है। जल्दीबाज़ी न करें, बल्कि एक दूसरे को समझते हुए आगे बढ़ें। याद रखिए फोरप्ले सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक तौर पर भी कनेक्ट करता है।
7. सेफ्टी ज़रूरी है कई बार नई शादी में कपल्स शर्म की वजह से कंडोम या सेफ्टी पर बात नहीं करते। लेकिन असली समझदारी यही है कि दोनों अपनी सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
8. उम्मीदों से ज्यादा अपनापन पहली रात अगर फिल्मी सीन जैसी न भी हो तो कोई बात नहीं। असली खूबसूरती तो उस अपनापन में है जो आप दोनों एक दूसरे को देते हैं।
ओर हा, सुहागरात ज़िंदगी का सबसे प्यारा पड़ाव हो सकता है, अगर आप इसे अपने अंदाज़ में, बिना किसी दबाव और दिखावे के जिएं। याद रखिए, यह रात सिर्फ शुरुआत है आने वाले सफर में असली मज़ा है।
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